काव्य-सुधा

ebook कविता संग्रह

By वैष्णवी चारी

cover image of काव्य-सुधा

Sign up to save your library

With an OverDrive account, you can save your favorite libraries for at-a-glance information about availability. Find out more about OverDrive accounts.

   Not today
Libby_app_icon.svg

Find this title in Libby, the library reading app by OverDrive.

app-store-button-en.svg play-store-badge-en.svg
LibbyDevices.png

Search for a digital library with this title

Title found at these libraries:

Loading...

About the book:
बेनूर फ़िज़ा में जो रंग भर रहा हूँ, न पूछो किस दर्द से गुज़र रहा हूँ..

सफ़र के कई मक़ाम छोड़ चले, नहीं मालूम मैं जा किधर रहा हूँ..

महफिल में तोहमत तो खूब मिले, जाने किस इल्ज़ाम से डर रहा हूँ!

एक दस्तक के झूठे इंतज़ार में, थोड़ा चलकर फिर ठहर रहा हूँ..

ये सोचकर कि नया जहां बसाएंगे, कितने ही शाम यूँ बेघर रहा हूँ..

लूटकर तारीफ़ें ज़माने भर से, घुट-घुट कर अंदर से मर रहा हूँ..

न मिटा सका पुराने घाव ज़हन से, तो अपने ही नज़र से उतर रहा हूँ..

बँटा कब काफिला कारवां से? मैं तो सच्चा हम-सफ़र रहा हूँ..

हिम्मत तो नेमत में मिली हो जैसे, यूँ ही नहीं हार से बे-असर रहा हूँ..

मंज़िल अब भी दूर है तो क्या? क्या मैं कोशिश नहीं कर रहा हूँ?

बदल गए हैं मायने दुनिया के और, मैं एक उम्र से शायद बेखबर रहा हूँ..

तलाश की बेताबी खत्म होती नहीं, कैसे कहूं बेचैन किस क़दर रहा हूँ?
About the author:
वैष्णवी एक प्रतिबद्ध लेखिका, कवयित्री और शिक्षाविद हैं, जो अपने लेखों में कल्पना के लिए जानी जाती हैं। उनकी मुख्यधारा अंग्रेजी है, जबकि वह हिंदी/उर्दू/मराठी साहित्य के लिए स्वयं को नौसिखिया मानती हैं। पूर्वी महाराष्ट्र की रहने वाली, वह पेशेवर रूप से एक माइक्रोबायोलॉजिस्ट हैं और उनकी रचनाएँ मुख्य रूप से तनावपूर्ण संबंधों या आशावाद और प्रकृति के परीक्षणों और मानवी संघर्ष पर केंद्रित हैं। वह एक शौकीन पाठक है और कॉफी और संगीत की प्रशंसक हैं। हालांकि, ग्रेड दो से लेखन से जुड़ी होने के कारण, लेखन के साथ उनका पेशेवर सफ़र 2020 में शुरू हुआ और अब तक, उन्होंने कई भाषाओं में 70+ एंथोलॉजी का सह-लेखन किया है। वैष्णवी को उनके इंस्टाग्राम हैंडल @mianamica पर या उनकी पत्रिकाओं में जटिल कहानी प्लॉट बुनते हुए पाया जा सकता है।

काव्य-सुधा