विध्वंस the Crash (हिन्दी में)

ebook

By Rahul Pandey

cover image of विध्वंस the Crash (हिन्दी में)

Sign up to save your library

With an OverDrive account, you can save your favorite libraries for at-a-glance information about availability. Find out more about OverDrive accounts.

   Not today
Libby_app_icon.svg

Find this title in Libby, the library reading app by OverDrive.

app-store-button-en.svg play-store-badge-en.svg
LibbyDevices.png

Search for a digital library with this title

Title found at these libraries:

Loading...

राहुल पांडेय की यही, आठवीं, उपन्यास जो, अति रोमांचकारी, व विषमयता से परिपूर्ण है, ..यह कथा क्राइम फिक्शन है जोकि वास्तविक लगती है, पाठकों को, आश्चर्यचकित कर देने वाले, इस कथा में, अनेकों मोड़ है, जोकि वास्तव में, भयभीत कर देने वाले है, रहस्यों से भरी इस कहानी में आधुनिकता भी दिखाई देती है।

लेखक के विषय में:

..यहाँ जिक्र किया जाता है, महत्वाकांक्षी, विचार ध्येयक, सागर जैसी कल्पना की, असीम्य गहराई में डूबे, ..वा अपनीं ही एक रंगीली दूनियां में मग्न, उस प्रतिभाशाली रचनाकार का, जिनका राहुल पाण्डेय है, जिन्होंने भारतीय, हिन्दी साहित्य विधा को, अपनीं कई उपन्यासों, व कृतियों से संजोया है, जिनमें प्रमुख रहीं "खिलाड़ी सतोशीनाकातोज़'' "लड़ाई बिना हथियार के'' "काला धन'' "दो बेहूदे'' इत्यादि

..इसी क्रम में, अपनी इस सहित्यिक यात्रा में, नानाप्रकार की ख्याति, वा प्रतिभावान, व्यक्तित्व को जीने वाले, इस रचनाकार ने, अपनी एक त्रय कथा ''कलियुग के बारह सौ दिव्य वर्ष'' की प्रस्तुति में, जिसकी पहली खंड प्रति "कालगा पिशाचों के देव" थी, दूसरी खंड प्रति "स्वर्ग एक युद्ध क्षेत्र" और इसकी, तीसरी प्रति "देवों के अमरता का रहश्य" है, उपन्यास "बिध्वंश" जो आपके हाँथ में है, यह उनकी आठवीं रचना है।

..अपनी इस साहित्यिक यात्रा को, अग्रशित करते हुए, इन महोदय ने, अपनी सहित्यिक कलानिधानता की, शूमार पेशकस में, इन्होंने कई कवितावली संग्रह की भी, नुमाइन्दगी की, जिसका मुजाहीरा जन समूदाय में, विख्यात है, तत्कालीन समय में, ये मान्यवर, एक नयी उपन्यास की, रचना में कार्य रत है, जोकि जल्द ही, जान समुदाय के, समक्ष्य होगा, आपको यह जानकर अचरज होगा की, अभी लेखक राहुल पांडेय की, उम्र महज ३२ वर्ष ही, और इन्होनें अपने, एक साक्षात्कार पर, जनसमुदाय को, बताया की, उन्होंने, इन उपरोक्त वर्णित रचनाओं के अतरिक्त भी, अनेकों रचनाओं का, कॉपीराइट लिया है, जो उन्होंने अभी तक, प्रकाशित तक, नहीं किया है।

..यही नहीं, इन्होंनें यह भी, उजागर किया की, इन्होनें अभी से ही, कई ऐसे शीर्षकों को, चुना है, जिस पर वे, अपने जीवन के, अग्रिम पंद्रह वर्षों के लिए, कार्यरत होंगें, यद्यपि भविष्यतः भी, ये इसी भांति, हिंदी साहित्य बिधा के प्रति, समर्पित रहे तो, यह हिंदी साहित्य को, अपने अनेकों रचनओं को, समर्पित करेंगें, इनकी समस्त रचनाएं, अत्याधुनिक विषयों पर, विचारात्मक प्रभाव डालतीं है, साक्ष्य तथ्यों की, पेशी के साथ साथ, तार्किक भी, होती है, ऐसे साहित्य बिधाकार को, हिंदी जगत के, साहित्य प्रेमियों की, ओर से, सतत नमन।
राहुल पांडेय की यही, आठवीं, उपन्यास जो, अति रोमांचकारी, व विषमयता से परिपूर्ण है, ..यह कथा क्राइम फिक्शन है जोकि वास्तविक लगती है, पाठकों को, आश्चर्यचकित कर देने वाले, इस कथा में, अनेकों मोड़ है, जोकि वास्तव में, भयभीत कर देने वाले है, रहस्यों से भरी इस कहानी में आधुनिकता भी दिखाई देती है।

विध्वंस the Crash (हिन्दी में)